40 sal ki umra mai sanyas sai lote indian footballer Sunil Chettri
सुनील छेत्री की शानदार वापसी: 40 साल की उम्र में संन्यास से लौटे भारतीय फुटबॉल के दिग्गज
भारतीय फुटबॉल के महान खिलाड़ी सुनील छेत्री (Sunil Chettri)ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लेने के कुछ ही महीनों बाद राष्ट्रीय टीम की मदद के लिए वापसी करने का फैसला किया है। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) ने गुरुवार को इस बात की आधिकारिक पुष्टि करते हुए कहा,
“सुनील छेत्री वापस आ गए हैं। कप्तान, लीडर, लीजेंड मार्च में होने वाले फीफा इंटरनेशनल विंडो में भारतीय टीम का हिस्सा होंगे।”
संन्यास के बाद भी टीम में खालीपन
सुनील छेत्री ने मई 2024 में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लेने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि कुवैत के खिलाफ होने वाला मैच उनका अंतिम मुकाबला होगा। यह मैच 6 जून 2024 को कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में खेला गया था। छेत्री के संन्यास के बाद भारतीय फुटबॉल में एक बड़ा खालीपन आ गया था, जिसे कोई भर नहीं सका। अब, जब भारतीय टीम कठिन दौर से गुजर रही है, छेत्री ने देश की मदद के लिए फिर से मैदान पर लौटने का फैसला किया है।
मार्च में होंगे भारत के दो बड़े मैच
भारतीय राष्ट्रीय टीम मार्च में दो फीफा फ्रेंडली मैच खेलेगी, जो शिलॉन्ग के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित होंगे। AIFF को उम्मीद है कि छेत्री की वापसी से टीम को नई ऊर्जा मिलेगी और खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा।
भारतीय फुटबॉल के महान रिकॉर्डधारी
सुनील छेत्री भारतीय फुटबॉल के सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक हैं। उनके नाम कई बड़े रिकॉर्ड दर्ज हैं:
✔️ भारत के सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी
✔️ भारत के सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले खिलाड़ी
✔️ इंडियन सुपर लीग (ISL) के इतिहास में सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी
भारत के वर्ल्ड कप क्वालिफिकेशन की स्थिति
फीफा वर्ल्ड कप 2026 के लिए क्वालिफाइंग मैचों में भारत ग्रुप A में खेल रहा है। टीम के अभी 4 अंक हैं और वह कतर के बाद दूसरे स्थान पर है। छेत्री की वापसी से भारतीय टीम को वर्ल्ड कप क्वालिफिकेशन में आगे बढ़ने में मदद मिल सकती है।
फुटबॉल प्रेमियों के लिए बड़ी खुशी
छेत्री की वापसी भारतीय फुटबॉल प्रशंसकों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है। उनकी नेतृत्व क्षमता, अनुभव और गोल करने की क्षमता टीम के लिए बेहद अहम साबित हो सकती है। देखना दिलचस्प होगा कि इस बार वह मैदान पर क्या कमाल दिखाते हैं!
क्या सुनील छेत्री की वापसी से भारतीय फुटबॉल टीम फिर से मजबूत होगी? अपनी राय हमें कमेंट में जरूर बताएं!
सुनील छेत्री: भारतीय फुटबॉल का चमकता सितारा
भारतीय फुटबॉल के सबसे बड़े सितारों में से एक सुनील छेत्री का अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल सफर 2007 नेहरू कप से शुरू हुआ था। इस टूर्नामेंट में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारतीय टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
2007 नेहरू कप में शानदार प्रदर्शन
सुनील छेत्री का पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट 2007 नेहरू कप था। इस टूर्नामेंट के पहले मुकाबले में भारत ने कंबोडिया को 6-0 से हराया, जिसमें छेत्री ने दो गोल किए थे। उनकी बेहतरीन फॉर्म पूरे टूर्नामेंट में जारी रही:
✅ सीरिया के खिलाफ 2-3 की हार में एक गोल किया।
✅ किर्गिस्तान के खिलाफ 3-0 की जीत में एक और गोल दागा।
✅ कुल मिलाकर टूर्नामेंट में चार गोल किए।
फाइनल मुकाबले में, भारत ने सीरिया को 1-0 से हराया और 1997 के बाद पहली बार नेहरू कप चैंपियन बना। इस मैच में, सुनील छेत्री ने सीधे गोल नहीं किया, लेकिन पप्पाचेन प्रदीप के निर्णायक गोल में अहम भूमिका निभाई।
2010 फीफा वर्ल्ड कप क्वालिफायर में भारत का सफर
2007 के बाद, भारत ने 2010 फीफा वर्ल्ड कप क्वालिफायर की शुरुआत की, जहां पहले दौर में लेबनान के खिलाफ हार के कारण भारत प्रतियोगिता से बाहर हो गया।
🔹 पहले (अवे) मुकाबले में भारत को 4-1 से हार मिली, लेकिन सुनील छेत्री ने एक गोल दागा।
🔹 दूसरे (होम) मुकाबले में भारत ने 2-2 से ड्रॉ खेला, जिसमें छेत्री ने फिर से एक गोल किया।
🔹 कुल मिलाकर, भारत को 6-3 के एग्रीगेट स्कोर से हार का सामना करना पड़ा और वर्ल्ड कप क्वालिफिकेशन से बाहर हो गया।
सम्मान और उपलब्धियां
अपने बेहतरीन प्रदर्शन के कारण, सुनील छेत्री को कई बड़े सम्मान मिले:
🏆 2011 में भारत की तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया।
🏆 2017 फीफा U-17 वर्ल्ड कप के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छेत्री को विशेष रूप से सम्मानित किया।
🏆 2023 इंटरकॉन्टिनेंटल कप जीतने के बाद, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उन्हें ट्रॉफी सौंपी।
सुनील छेत्री भारतीय फुटबॉल के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक हैं, जिनकी उपलब्धियां और योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे।