abhineta filmmaker Deb Mukherjee ka niddan jo ayan mukherjee ka pita hai
Ayan makherjee ke pita abhineta aur filmmaker deb mukherjee ka niddan
वयोवृद्ध अभिनेता और फिल्मकार देब मुखर्जी का निधन
प्रसिद्ध अभिनेता और फिल्मकार देब मुखर्जी का 83 वर्ष की आयु में 14 मार्च 2025 को निधन हो गया। वह लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे और अस्पताल में भर्ती थे। उनकी अंतिम यात्रा मुंबई के पवन हंस श्मशान घाट में शाम 4 बजे संपन्न होगी। उनके निधन की खबर से बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है।
देब मुखर्जी का पारिवारिक और फिल्मी सफर
देब मुखर्जी भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के एक प्रतिष्ठित परिवार से संबंध रखते थे। उनका जन्म 1941 में कानपुर में हुआ था। उनकी माँ सतीदेवी, प्रसिद्ध अभिनेता अशोक कुमार, अनुप कुमार और किशोर कुमार की बहन थीं। उनके भाई जॉय मुखर्जी एक सफल अभिनेता थे, जबकि उनके दूसरे भाई शोमू मुखर्जी फिल्म निर्देशक थे, जिन्होंने प्रसिद्ध अभिनेत्री तनुजा से विवाह किया।
देब मुखर्जी के परिवार में कई नामी-गिरामी फिल्मी हस्तियाँ शामिल हैं –
उनकी भतीजी काजोल और रानी मुखर्जी बॉलीवुड की सफल अभिनेत्रियाँ हैं।
उनकी पहली शादी से बेटी सुनीता, निर्देशक अशुतोष गोवारिकर की पत्नी हैं।
उनके बेटे अयान मुखर्जी एक सफल फिल्म निर्देशक हैं, जिन्होंने ‘ये जवानी है दीवानी’ और ‘ब्रह्मास्त्र’ जैसी हिट फिल्में दी हैं।
फिल्मी करियर
देब मुखर्जी ने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत 1960 के दशक में छोटे किरदारों से की थी। उनकी कुछ प्रमुख फिल्में थीं –
‘तू ही मेरी ज़िंदगी’
‘अभिनेत्री’
‘दो आँखें बारह हाथ’
‘बाटों बाटों में’
हालाँकि, उनके भाई जॉय मुखर्जी की तरह उन्हें मुख्य अभिनेता के रूप में ज्यादा सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने सहायक भूमिकाओं में काम करना शुरू किया और ‘जो जीता वही सिकंदर’ तथा ‘किंग अंकल’ जैसी फिल्मों में नज़र आए। उनकी आखिरी फिल्म 2009 में ‘कमिने’ थी, जिसमें उन्होंने एक छोटा सा किरदार निभाया था।
अंतिम संस्कार और श्रद्धांजलि
देब मुखर्जी के निधन की खबर सुनकर बॉलीवुड के कई सितारे उनके अंतिम दर्शन के लिए उनके घर पहुंचे। उनके अंतिम संस्कार में फिल्म इंडस्ट्री के कई बड़े चेहरे मौजूद रहेंगे –
काजोल, रानी मुखर्जी, अजय देवगन, तनुजा, तनीषा, आदित्य चोपड़ा जैसे परिवार के सदस्य
रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, ऋतिक रोशन, सिद्धार्थ मल्होत्रा, दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह जैसे अयान मुखर्जी के करीबी दोस्त
फिल्म निर्माता अशुतोष गोवारिकर भी अपने ससुर को श्रद्धांजलि देने के लिए मौजूद रहेंगे।
बॉलीवुड में शोक की लहर
देब मुखर्जी के निधन से बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक का माहौल है। कई हस्तियों ने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त किया –
अयान मुखर्जी ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को बहुत कुछ दिया और वे हमेशा उनके आदर्श रहेंगे।
रणबीर कपूर और आलिया भट्ट ने भी उनके योगदान को सराहा और श्रद्धांजलि दी।
अजय देवगन ने कहा कि वे एक दिग्गज कलाकार थे और उनका जाना सिनेमा जगत के लिए बड़ी क्षति है।
देब मुखर्जी का जीवन और करियर फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक प्रेरणा रहा है। उन्होंने अपने अभिनय और निर्देशन से दर्शकों को प्रभावित किया और एक समृद्ध फिल्मी विरासत छोड़ी। उनका निधन एक युग के अंत का प्रतीक है, लेकिन उनकी यादें और उनका काम हमेशा जीवित रहेंगे।
देब मुखर्जी: एक महान अभिनेता का सफर
भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता देब मुखर्जी का जन्म 22 नवंबर 1941 को कानपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। वह भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के प्रतिष्ठित गांगुली और मुखर्जी-समर्थ परिवार से संबंध रखते थे। उनके पिता शशधर मुखर्जी भी फिल्म जगत से जुड़े थे। उनका जीवन फिल्मों और कला को समर्पित था, और उन्होंने कई यादगार फिल्मों में अभिनय किया।
व्यक्तिगत जीवन
देब मुखर्जी का विवाह अमृत मुखर्जी से हुआ था और उनके दो बच्चे हैं, जिनमें से एक प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक अयान मुखर्जी हैं। उनके दामाद जाने-माने फिल्म निर्माता आशुतोष गोवारिकर हैं, जो ‘लगान’, ‘स्वदेश’ और ‘जोधा अकबर’ जैसी हिट फिल्मों के लिए जाने जाते हैं।
फिल्मी सफर
देब मुखर्जी ने अपने करियर की शुरुआत 1960 के दशक में की थी। उन्होंने कई फिल्मों में मुख्य और सहायक भूमिकाएँ निभाईं। उनकी कुछ प्रसिद्ध फिल्में इस प्रकार हैं –
1965 – तू ही मेरी जिंदगी (राज)
1969 – सम्बन्ध (मानव)
1969 – आँसू बन गए फूल (चंद्रशेखर)
1970 – अभिनेत्री (नर्तकी)
1971 – अधिकार (श्याम)
1972 – एक बार मुस्कुरा दो (दिलीप)
1972 – ज़िंदगी ज़िंदगी (हीरा)
1974 – दो आँखें
1977 – हैवान
1978 – मैं तुलसी तेरे आँगन की (प्रताप चौहान)
1979 – बाटों बाटों में (पीटर)
1983 – कराटे (देश)
1992 – जो जीता वही सिकंदर (राजपूत कॉलेज के खेल प्रशिक्षक)
1992 – बंधु (अजीत बिहारी)
1993 – राजा चाचा (अतिथि भूमिका)
1993 – आसू बने अंगारे
1993 – दलाल (गिरधारी)
1995 – रॉक डांसर (राज मल्होत्रा/दीपक मल्होत्रा)
1997 – गुडगुड़ी (शेखर)
2009 – कमीने (मुजीब)
देब मुखर्जी की विशेषता
देब मुखर्जी का अभिनय सहज और प्रभावशाली था। उन्होंने अपनी भूमिकाओं में वास्तविकता और संवेदना को बखूबी उकेरा। हालांकि, वह अपने भाई जॉय मुखर्जी की तरह सुपरस्टार नहीं बन सके, लेकिन उन्होंने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का ध्यान खींचा।
निधन और श्रद्धांजलि
देब मुखर्जी का 14 मार्च 2025 को मुंबई, महाराष्ट्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे। उनका अंतिम संस्कार पवन हंस श्मशान घाट में किया गया। उनके निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई। कई दिग्गज कलाकारों और उनके परिवार के सदस्यों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
देब मुखर्जी का जीवन भारतीय सिनेमा में उनके योगदान का प्रतीक है। उनकी यादगार भूमिकाएँ और फिल्मों में उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। उनका परिवार, विशेष रूप से उनके बेटे अयान मुखर्जी, उनके फिल्मी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। उनका जीवन, उनकी कला और उनकी विरासत सदैव अमर रहेगी।