“EPFO के नए नियम 2025: UPI से PF निकासी, EDLI बीमा और ऑटो-सेटलमेंट में बड़े बदलाव” (EPFO ke naye niyam 2025 UPI se PF nikasi EDLI bima aur auto settlement mai bare badlao)
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के अंतर्गत एक वैधानिक निकाय है, जो देश में भविष्य निधि के विनियमन और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है। हाल ही में, EPFO ने अपने सदस्यों के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव और सुधार किए हैं, जो उनके वित्तीय लेन-देन और सामाजिक सुरक्षा को और अधिक सुलभ और प्रभावी बनाते हैं।
UPI और ATM के माध्यम से पीएफ निकासी की सुविधा:
EPFO अब अपने सदस्यों को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) और एटीएम के माध्यम से पीएफ निकासी की सुविधा प्रदान करने की योजना बना रहा है। इससे सदस्य अपने पीएफ खाते से सीधे एटीएम या UPI के माध्यम से धनराशि निकाल सकेंगे, जिससे निकासी प्रक्रिया तेज और सरल हो जाएगी। श्रम सचिव सुमिता डावरा के अनुसार, यह सुविधा मई या जून 2025 तक लागू होने की संभावना है।
ऑटो-सेटलमेंट प्रक्रिया में सुधार:
EPFO ने ऑटो-सेटलमेंट प्रक्रिया को भी सुधारते हुए, पहले की तुलना में अब केवल तीन दिनों में दावों का निपटान कर रहा है। पहले यह प्रक्रिया कई सप्ताह तक चलती थी। इसके अलावा, सत्यापन जांचों की संख्या को 27 से घटाकर 18 कर दिया गया है, और इसे और कम करके छह करने की सिफारिश की गई है।
EDLI योजना में बदलाव:
EPFO की कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा (EDLI) योजना में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं: पहली नौकरी के पहले वर्ष में बीमा कवर: अब, यदि कोई कर्मचारी अपनी नौकरी के पहले वर्ष में दुर्भाग्यवश निधन हो जाता है, तो उसके परिवार को न्यूनतम 50,000 रुपये की बीमा राशि दी जाएगी। पहले इस स्थिति में कोई लाभ नहीं मिलता था।
1. नौकरी छूटने के बाद भी लाभ: यदि किसी कर्मचारी की नौकरी छूटने के छह महीने के भीतर मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को बीमा राशि मिलेगी, बशर्ते कर्मचारी का नाम कंपनी के रोल से पूरी तरह हटाया न गया हो।
2. नौकरी बदलने के दौरान भी बीमा कवर: नौकरी परिवर्तन के दौरान भी कर्मचारी EDLI योजना के तहत बीमा कवर के पात्र होंगे, जिससे उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
सदस्यों की संख्या में वृद्धि:
जनवरी 2025 में, EPFO से 17.89 लाख नए सदस्य जुड़े, जिनमें से 8.23 लाख पहली बार शामिल हुए। 18-25 वर्ष के युवाओं की संख्या में भी 57.07 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो संगठित क्षेत्र में रोजगार के बढ़ते अवसरों को दर्शाता है। डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र:
EPFO ने पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र की आवश्यकता पर जोर दिया है। यदि पेंशनभोगी एक वर्ष से अधिक समय तक अपना डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अपडेट नहीं करते हैं, तो उनकी पेंशन रोक दी जा सकती है। इसलिए, सभी पेंशनभोगियों को हर 12 महीने में इसे अपडेट करना आवश्यक है।
सार्वभौमिक खाता संख्या (UAN) की पोर्टेबिलिटी:
1 अक्टूबर 2014 को, भारत सरकार ने EPFO द्वारा कवर किए गए कर्मचारियों के लिए सार्वभौमिक खाता संख्या (UAN) शुरू की, जिससे भविष्य निधि संख्या की पोर्टेबिलिटी संभव हुई। यह सुविधा कर्मचारियों को नौकरी बदलने पर भी अपने पीएफ खाते को एक ही UAN के तहत बनाए रखने में मदद करती है। EPFO की योजनाएँ:
वर्तमान में, EPFO के तहत तीन मुख्य योजनाएँ संचालित हैं:
1. कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952: यह योजना कर्मचारियों को उनके वेतन से एक निश्चित प्रतिशत की कटौती करके भविष्य निधि में योगदान करने की अनुमति देती है, जिसमें नियोक्ता भी समान योगदान करता है।
2. कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना, 1976: यह योजना कर्मचारियों को बीमा कवर प्रदान करती है, जिससे नौकरी के दौरान उनकी मृत्यु होने पर उनके परिवार को वित्तीय सहायता मिलती है।
3. कर्मचारी पेंशन योजना, 1995: यह योजना कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद मासिक पेंशन प्रदान करती है, जिससे उनकी वृद्धावस्था में वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
ब्याज दरों में परिवर्तन:
मार्च 2022 में, EPFO ने 2021-22 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर को घटाकर 8.10% कर दिया था, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे कम दर थी।
EPFO द्वारा किए गए ये बदलाव और सुधार संगठन के सदस्यों के लिए वित्तीय लेन-देन को सरल बनाने और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। UPI और ATM के माध्यम से पीएफ निकासी, ऑटो-सेटलमेंट प्रक्रिया में सुधार, EDLI योजना में बदलाव, और डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र की आवश्यकताएँ सभी सदस्य अनुभव को बेहतर बनाने में सहायक हैं। इन सुधारों से EPFO सदस्यों को अधिक सुविधा, सुरक्षा और पारदर्शिता मिलेगी, जिससे वे अपने भविष्य को और अधिक सुरक्षित बना सकेंगे।