“राम नवमी 2025: कैसे करें रामलला की पूजा और कन्या पूजन, जानिए शुभ मुहूर्त”(Ram nabami 2025 kaise kare Ramlala ki puja aur kanya puja janiye subha muhurta)
राम नवमी हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को यह पर्व सम्पूर्ण भारत में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष, राम नवमी 6 अप्रैल 2025 को मनाई जा रही है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी इसका विशेष स्थान है।
राम नवमी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, नवमी तिथि का आरंभ 5 अप्रैल 2025 को शाम 7:26 बजे से हुआ और यह तिथि 6 अप्रैल 2025 को शाम 7:22 बजे तक रहेगी। राम नवमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 6 अप्रैल को सुबह 11:08 बजे से दोपहर 1:39 बजे तक है, जिसमें मध्याह्न का क्षण दोपहर 12:24 बजे है। इस समयावधि में भगवान श्रीराम की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
राम नवमी पर बनने वाले विशेष योग
इस वर्ष राम नवमी के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जो इस पर्व की महत्ता को और बढ़ाते हैं:
• रवि पुष्य योग: सुबह 6:27 बजे से अगले दिन सुबह 6:25 बजे तक।
• सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 6:27 बजे से अगले दिन सुबह 6:25 बजे तक।
• रवि योग: पूरे दिन।
इन योगों में पूजा और व्रत करने से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है।
राम नवमी की पूजा विधि
राम नवमी के दिन भगवान श्रीराम की पूजा विधि निम्नलिखित चरणों में संपन्न की जाती है:
1. स्नान और शुद्धिकरण: प्रातः काल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल की सफाई करें।
2. मूर्ति या चित्र स्थापना: पूजा स्थल पर भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
3. अभिषेक: भगवान की मूर्ति को गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से स्नान कराएं, जिसे पंचामृत कहते हैं।
4. श्रृंगार: भगवान को नवीन वस्त्र, आभूषण और चंदन का तिलक करें।
5. आसन और अर्पण: भगवान को आसन पर विराजमान कर फूल, अक्षत, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
6. मंत्र जाप और पाठ: रामायण या रामचरितमानस का पाठ करें और “ॐ श्रीरामाय नमः” मंत्र का जाप करें।
7. आरती: भगवान श्रीराम की आरती करें और भोग अर्पित करें।
8. प्रसाद वितरण: परिवारजनों और उपस्थित भक्तों में प्रसाद वितरित करें।
कन्या पूजन विधि
राम नवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है। नौ कन्याओं को आमंत्रित कर उन्हें माता का स्वरूप मानकर पूजन किया जाता है
1. आमंत्रण: नौ कन्याओं और एक बालक (बटुक भैरव) को आमंत्रित करें।
2. स्वागत और आसन: कन्याओं के चरण धोकर उन्हें स्वच्छ आसन पर बैठाएं।
3. पूजन: कन्याओं के माथे पर तिलक करें, फूल माला पहनाएं और आरती उतारें।
4. भोजन: कन्याओं को स्वादिष्ट भोजन कराएं, जिसमें हलवा, पूड़ी, चने आदि शामिल हों।
5. दक्षिणा और विदाई: भोजन के बाद उन्हें उपहार और दक्षिणा देकर विदा करें।
राम नवमी का महत्व
राम नवमी का पर्व हमें सत्य, धर्म और मर्यादा का पालन करने की प्रेरणा देता है। भगवान श्रीराम के जीवन से हमें सीख मिलती है कि कैसे कठिन परिस्थितियों में भी धर्म और सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। यह पर्व हमें पारिवारिक मूल्यों, भाईचारे और समाज में सद्भावना बनाए रखने का संदेश देता है।
उपाय और मंत्र
राम नवमी के दिन निम्नलिखित उपाय और मंत्रों का जाप शुभ माना जाता है:
• मंत्र जाप: “ॐ श्रीरामाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
• हनुमान चालीसा पाठ: हनुमान चालीसा का पाठ करें, इससे संकटों का नाश होता है।
• दान पुण्य: जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें।
• राम नाम लेखन: राम नाम का लेखन करें, इससे मन को शांति मिलती है।
राम नवमी का पर्व हमें भगवान श्रीराम के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा देता है। इस दिन की गई पूजा, व्रत और दान-पुण्य से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाकर हम अपने जीवन को धन्य बना सकते हैं।