Uttarakhand Helicopter Crash,7 logo ki maut,Chardham chetra ki sabhi heli sebay bandh

उत्तराखंड हेलिकॉप्टर दुर्घटना: 7 लोगों की मौत, चारधाम क्षेत्र की सभी हेली सेवाएं बंद (Uttarakhand Helicopter Crash,7 logo ki maut,Chardham chetra ki sabhi heli sebay bandh)

उत्तराखंड हेलिकॉप्टर दुर्घटना: 7 लोगों की मौत, चारधाम क्षेत्र की सभी हेली सेवाएं बंद, सरकार ने जांच के दिए आदेश
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में मंगलवार सुबह एक बेहद दुखद हादसा हुआ, जब आर्यन एविएशन (Aryan Aviation) की एक हेलिकॉप्टर सेवा गुप्तकाशी से केदारनाथ धाम के रास्ते में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में पायलट समेत सात लोगों की मौत हो गई है। हादसा गोरिकुंड के जंगलों में हुआ, जहां हेलिकॉप्टर क्रैश होकर पूरी तरह जल गया। इस घटना के बाद से चारधाम क्षेत्र में संचालित सभी हेलिकॉप्टर सेवाओं को अगले आदेश तक के लिए निलंबित कर दिया गया है।

हादसे की पूरी जानकारी
आर्यन एविएशन का यह हेलिकॉप्टर केदारनाथ से गुप्तकाशी की ओर लौट रहा था। सुबह करीब 5:17 बजे यह उड़ान भरी थी। वापसी के दौरान मौसम खराब हो गया और हेलिकॉप्टर अपना रास्ता भटक गया। स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों के अनुसार, केदारनाथ घाटी में मौसम बेहद खराब था, जिसके चलते दृश्यता बहुत कम हो गई थी। इसी कारण हेलिकॉप्टर गोरिकुंड के घने जंगलों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
हादसे में जिन सात लोगों की मौत हुई, उनमें पायलट राजवीर, विक्रम रावत, विनोद, तृष्टी सिंह, राजकुमा, श्रद्धा और 10 वर्षीय बालिका राशि शामिल हैं। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन, एसडीआरएफ (SDRF), और राहत-बचाव दल मौके पर पहुंच गए। घटनास्थल पर आग लग गई थी, जिससे शवों की पहचान करना भी चुनौतीपूर्ण हो गया।

मुख्यमंत्री धामी ने जताया दुख
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दर्दनाक हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “रुद्रप्रयाग ज़िले में हुई हेलिकॉप्टर दुर्घटना की बेहद दुःखद सूचना प्राप्त हुई है। संबंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।”
मुख्यमंत्री ने राज्य के मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि एक तकनीकी विशेषज्ञों की समिति का गठन किया जाए, जो हेलिकॉप्टर सेवाओं के सभी सुरक्षा और तकनीकी पहलुओं की समीक्षा करे। यह समिति नई एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) तैयार करेगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

पुरानी दुर्घटनाओं की जांच समिति करेगी विस्तृत पड़ताल
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं की जांच के लिए पहले से गठित उच्च स्तरीय समिति अब इस ताजा हादसे की भी विस्तृत जांच करेगी। यह समिति प्रत्येक पहलू की गहराई से समीक्षा करेगी, किसी भी प्रकार की लापरवाही को चिन्हित करेगी, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की सिफारिश करेगी।

चारधाम की हेली सेवाओं पर रोक
इस दुर्घटना के बाद यूसीएडीए (UCADA – उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी) और डीजीसीए (DGCA – नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) ने मिलकर तत्काल प्रभाव से चारधाम क्षेत्र में संचालित सभी हेलिकॉप्टर सेवाओं पर रोक लगा दी है। यह रोक अगले आदेश तक जारी रहेगी।
यह निर्णय यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, क्योंकि चारधाम यात्रा के दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन हेलिकॉप्टर सेवाओं का उपयोग करते हैं। विशेषकर बुजुर्ग और शारीरिक रूप से कमजोर तीर्थयात्रियों के लिए यह सेवाएं बेहद उपयोगी होती हैं।

हेलिकॉप्टर सेवाओं की समीक्षा अनिवार्य
उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है जहां हेलिकॉप्टर सेवाएं न केवल तीर्थयात्रा के लिए बल्कि आपदा प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। पिछले कुछ वर्षों में राज्य में हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि देखी गई है, जिससे इन सेवाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि “हमारी प्राथमिकता है कि हेलिकॉप्टर सेवाएं पूरी पारदर्शिता और सुरक्षा के साथ संचालित हों। इसके लिए सभी सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन किया जाएगा और नई एसओपी के अनुसार संचालन सुनिश्चित किया जाएगा।”

सुरक्षा मानकों में सुधार की आवश्यकता
विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तराखंड जैसे जटिल भौगोलिक क्षेत्र में हेलिकॉप्टर उड़ानों के लिए विशेष प्रशिक्षण और तकनीकी निगरानी की आवश्यकता होती है। मौसम की अचानक बदलती परिस्थितियां, संकरे घाटी क्षेत्र और सीमित लैंडिंग विकल्प इन सेवाओं को और अधिक संवेदनशील बनाते हैं।
इसलिए यह जरूरी है कि उड़ानों से पहले मौसम की सटीक जानकारी उपलब्ध कराई जाए, उड़ान पथों की सख्ती से निगरानी की जाए, और ऑपरेटरों के लिए सख्त प्रशिक्षण और मान्यता की प्रक्रिया अपनाई जाए।

श्रद्धांजलि और भविष्य की तैयारी
इस हादसे ने एक बार फिर यह याद दिला दिया है कि तीर्थयात्रा की सुविधा प्रदान करते समय सुरक्षा को कभी भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। राज्य सरकार को चाहिए कि वह हेली सेवाओं से जुड़ी सभी एजेंसियों और ऑपरेटरों को निर्देश दे कि वे यात्रियों की जान की सुरक्षा को सर्वोपरि मानें।
इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले सभी श्रद्धालुओं और पायलट को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने में सहायक सिद्ध होंगे।

गोरिकुंड के जंगलों में हुई इस दिल दहला देने वाली हेलिकॉप्टर दुर्घटना ने न केवल कई परिवारों को गहरे शोक में डुबो दिया है, बल्कि राज्य की हवाई सेवाओं की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का क्रियान्वयन प्रभावी रूप से हो, ताकि श्रद्धालुओं की यात्रा सुरक्षित और भरोसेमंद हो सके।

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