Chhaava released on 14th feb

 

“छावा: एक योद्धा की कहानी””Chhaava: Ek Yodha Ki Kahani”:

छावा”(Chhaava) एक आगामी भारतीय हिंदी भाषा की ऐतिहासिक एक्शन फिल्म है, जो मराठा राजा संभाजी के जीवन पर आधारित है। इस फिल्म में विक्की कौशल मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। यह फिल्म शिवाजी सावंत के मराठी उपन्यास छावा का सिनेमाई रूपांतरण है।

रिलीज़ डेट: 14 फरवरी 2025 (भारत)
निर्देशक: लक्ष्मण उटेकर
बजट: ₹130 करोड़
निर्माता: दिनेश विजन
संगीत: ए. आर. रहमान
डिस्ट्रीब्यूटर: पेन स्टूडियोज़

“छावा” एक आगामी भारतीय हिंदी भाषा की ऐतिहासिक एक्शन फिल्म है, जो मराठा राजा छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है। इस फिल्म में विक्की कौशल मुख्य भूमिका में हैं, जो संभाजी महाराज की भूमिका निभा रहे हैं। रश्मिका मंदाना ने महारानी येसुबाई की भूमिका निभाई है, जबकि अक्षय खन्ना मुगल सम्राट औरंगजेब के किरदार में नजर आएंगे। फिल्म का निर्देशन लक्ष्मण उटेकर ने किया है और इसे दिनेश विजन ने प्रोड्यूस किया है। संगीत ए. आर. रहमान द्वारा दिया गया है। फिल्म का बजट ₹130 करोड़ है। “छावा” 14 फरवरी 2025 को भारत में रिलीज़ होने वाली है।

फिल्म के टीज़र को दर्शकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, जिससे फिल्म के प्रति उत्सुकता बढ़ गई है। विक्की कौशल ने इस भूमिका के लिए गहन तैयारी की है, जिसमें तलवारबाजी, घुड़सवारी और शारीरिक प्रशिक्षण शामिल है। रश्मिका मंदाना और अक्षय खन्ना के साथ उनकी केमिस्ट्री भी चर्चा में है।

छत्रपति संभाजी महाराज (1657–1689) मराठा साम्राज्य के दूसरे शासक थे और महान मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र थे। वे न केवल एक वीर योद्धा थे, बल्कि एक कुशल प्रशासक और विद्वान भी थे। उनका जीवन संघर्ष, वीरता और बलिदान की मिसाल है।

संभाजी महाराज का जीवन परिचय:

  • जन्म: 14 मई 1657, पुरंदर किला, महाराष्ट्र
  • पिता: छत्रपति शिवाजी महाराज
  • माता: सईबाई
  • राज्याभिषेक: 1681
  • मृत्यु: 11 मार्च 1689 (औरंगजेब के आदेश पर क्रूर हत्या)

संभाजी महाराज की वीरता और संघर्ष:

  • शिवाजी महाराज की मृत्यु (1680) के बाद मराठा साम्राज्य को संभाजी महाराज ने नेतृत्व दिया।
  • वे बहादुरी से मुगलों, पुर्तगालियों, अंग्रेजों और सिद्दी सेना के खिलाफ लड़े।
  • उन्होंने मुगल सम्राट औरंगजेब की विशाल सेना के खिलाफ जबरदस्त प्रतिरोध किया।
  • उनके शासनकाल में मराठा साम्राज्य को और मजबूत किया गया, खासकर कर्नाटक और दक्षिण भारत में।
  • वे संस्कृत, फारसी और मराठी सहित कई भाषाओं के ज्ञाता थे और काव्य-लेखन में भी रुचि रखते थे।

मुगलों द्वारा पकड़ और शहीदी:

  • 1689 में गद्दारों के कारण संभाजी महाराज को मुगलों ने बंदी बना लिया।
  • औरंगजेब ने उन्हें इस्लाम कबूल करने का प्रस्ताव दिया, जिसे उन्होंने दृढ़ता से ठुकरा दिया।
  • इसके बाद उन्हें कई दिनों तक भयानक यातनाएँ दी गईं और अंततः उनकी निर्मम हत्या कर दी गई।
  • उनका बलिदान मराठा इतिहास में स्वाभिमान और निडरता की प्रतीक बन गया।

संभाजी महाराज की विरासत:

  • उन्हें “धर्मवीर” की उपाधि दी जाती है क्योंकि उन्होंने अपने धर्म और स्वाभिमान के लिए जीवन का बलिदान कर दिया।
  • उनकी वीरगाथा आज भी महाराष्ट्र और पूरे भारत में प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है।
  • कई किताबें, लोकगीत, नाटक और फिल्में उनके जीवन पर आधारित हैं, जैसे कि शिवाजी सावंत का प्रसिद्ध उपन्यास छावा

संभाजी महाराज केवल एक योद्धा ही नहीं, बल्कि मराठा गौरव के प्रतीक थे, जिनकी वीरता और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। 🚩🔥

फिल्म की एडवांस बुकिंग में भी अच्छा प्रदर्शन देखा गया है, जिससे बॉक्स ऑफिस पर इसकी सफलता की उम्मीदें बढ़ गई हैं।

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