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Dabba Cartel reviw tifin ke dibbe mai chupa khatarnak sach

(Dabba Cartel reviw tifin ke dibbe mai chupa khatarnak sach) “डब्बा कार्टेल: टिफिन के डब्बों में छुपा मुंबई का खतरनाक राज!”

‘डब्बा कार्टेल’ नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध एक नई वेब सीरीज़ है, जो मुंबई की पांच महिलाओं की कहानी बयां करती है। ये महिलाएं एक साधारण टिफिन सेवा चलाते हुए, उसके आड़ में एक खतरनाक ड्रग कार्टेल का संचालन करती हैं।

कहानी की झलक
मुख्य पात्र राजी (शालिनी पांडे) एक गृहिणी हैं, जो अपने पति के जर्मनी जाने के सपने को साकार करने के लिए टिफिन सेवा शुरू करती हैं। उनकी साथी माला (निमिषा सजयन) अपनी बेटी को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए इस व्यवसाय में शामिल होती हैं। जैसे-जैसे उनका व्यवसाय बढ़ता है, वे शाहिदा (अंजलि आनंद) से मिलती हैं, जो उन्हें अपने ड्रग साम्राज्य को विस्तारित करने में मदद करती हैं। इस समूह की मार्गदर्शक बा (शबाना आज़मी) हैं, जो पारंपरिक दिखने के बावजूद उनकी चुपचाप रणनीतिकार हैं।

प्रदर्शन और निर्देशन
शबाना आज़मी ने बा के रूप में एक सशक्त और प्रभावशाली प्रदर्शन दिया है, जो समूह की रीढ़ साबित होती हैं। ज्योतिका, निमिषा सजयन, शालिनी पांडे, और अंजलि आनंद ने भी अपने-अपने किरदारों में जान डाल दी है। हालांकि, गजराज राव, सई ताम्हणकर, और जिशु सेनगुप्ता जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों का पूर्ण उपयोग नहीं किया गया है।

सकारात्मक पहलू
महिला सशक्तिकरण: कहानी में महिलाओं की महत्वाकांक्षा, धैर्य और संघर्ष को प्रमुखता से दिखाया गया है।
मुंबई का चित्रण: शहर की पृष्ठभूमि और टिफिन सेवा की संस्कृति को वास्तविकता के साथ प्रस्तुत किया गया है।
नकारात्मक पहलू
कहानी की लंबाई: सात एपिसोड की यह सीरीज़ कहीं-कहीं खिंची हुई महसूस होती है, जिससे दर्शकों की रुचि कम हो सकती है।
प्लॉट की जटिलता: कई उपकथाओं के कारण मुख्य कहानी से ध्यान भटकता है, जिससे कहानी जटिल हो जाती है।

‘डब्बा कार्टेल’ एक दिलचस्प अवधारणा पर आधारित है, जो महिलाओं की शक्ति और संघर्ष को उजागर करती है। हालांकि, कहानी की लंबाई और जटिलता के कारण यह अपनी पूरी क्षमता तक नहीं पहुंच पाती। फिर भी, शबाना आज़मी और अन्य कलाकारों के मजबूत प्रदर्शन के लिए इसे एक बार देखा जा सकता है।

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