Ind vs Eng 2nd test day 2,Shubman Gill ne double century kar ke itihas banaya hai

इंडिया vs इंग्लैंड दूसरा टेस्ट, दिन 2: शुभमन गिल ने दोहरा शतक जड़कर रच दिया इतिहास |(Ind vs Eng 2nd test day 2,Shubman Gill ne double century kar ke itihas banaya hai)

एजबेस्टन, बर्मिंघम में खेले जा रहे भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन भारत के युवा कप्तान शुभमन गिल ने ऐतिहासिक पारी खेलते हुए न सिर्फ अपने करियर का पहला टेस्ट दोहरा शतक जड़ा, बल्कि कई बड़े रिकॉर्ड्स को भी ध्वस्त कर डाला। गिल ने जिस तरह इंग्लैंड के गेंदबाज़ों का डटकर सामना किया और 311 गेंदों में 200 रन पूरे किए, वह भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय बन गया है।

Shubman Gill 200 credit facebook

शुभमन गिल की पारी की झलकियाँ:
गिल ने दिन की शुरुआत 114 रन से की थी और संयम के साथ आगे बढ़ते हुए अपने स्कोर को 254 रन तक पहुंचाया। इस दौरान उन्होंने 29 चौके और 3 छक्के लगाए और इंग्लैंड की कठिन परिस्थितियों में एक ऐसी पारी खेली, जिसे आने वाले समय में याद किया जाएगा।

रिकॉर्ड्स की झड़ी:
🔹 इंग्लैंड में दोहरा शतक लगाने वाले पहले भारतीय कप्तान:
शुभमन गिल इंग्लैंड की धरती पर दोहरा शतक जड़ने वाले पहले भारतीय कप्तान बन गए हैं। उनसे पहले कोई भी भारतीय कप्तान इंग्लैंड में दोहरा शतक नहीं लगा सका था। यह अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।

🔹 गावस्कर और द्रविड़ को पछाड़ा:
जब गिल ने 222 रन के आंकड़े को पार किया, तब उन्होंने दो दिग्गज बल्लेबाजों – सुनील गावस्कर (221 रन, ओवल 1979) और राहुल द्रविड़ (217 रन, ओवल 2002) को पीछे छोड़ दिया। अब वह इंग्लैंड में टेस्ट में सबसे बड़ा स्कोर बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं।

🔹 दूसरे सबसे युवा भारतीय कप्तान जिन्होंने लगाया दोहरा शतक:
गिल ने यह दोहरा शतक महज़ 25 साल और 298 दिन की उम्र में जड़ा। उनसे कम उम्र में केवल मंसूर अली खान पटौदी (23 वर्ष, 39 दिन) ही भारतीय कप्तान के तौर पर दोहरा शतक लगा पाए थे।

🔹 विदेशी धरती पर दोहरा शतक लगाने वाले दूसरे भारतीय कप्तान:
गिल, विराट कोहली के बाद विदेश में दोहरा शतक जड़ने वाले दूसरे भारतीय कप्तान बन गए हैं। कोहली ने वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ नॉर्थ साउंड में 200 रन बनाए थे।

🔹 सिर्फ 6 भारतीय कप्तान जिन्होंने लगाया है टेस्ट में दोहरा शतक:
गिल से पहले मंसूर अली खान पटौदी, सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, एमएस धोनी और विराट कोहली ने कप्तान के रूप में टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक लगाया था। अब गिल भी इस विशिष्ट क्लब में शामिल हो गए हैं।

कप्तानी में निरंतरता और परिपक्वता:
गिल ने टेस्ट कप्तानी की शुरुआत लीड्स में 147 रन की शानदार पारी से की थी। अब बर्मिंघम में उन्होंने इसे और भी ऊंचाई पर पहुंचा दिया। उनकी बल्लेबाजी में संयम, तकनीक और आक्रामकता का बेहतरीन मिश्रण दिखा। उन्होंने जोश टंग की गेंद पर एक रन लेकर अपना दोहरा शतक पूरा किया, जिससे पूरे ड्रेसिंग रूम में खुशी की लहर दौड़ गई।

सिएना (SENA) देशों में सबसे बड़ी पारी:
शुभमन गिल की यह पारी भारतीय कप्तानों द्वारा सिएना देशों (South Africa, England, New Zealand, Australia) में खेली गई सबसे बड़ी पारी बन गई है। इससे पहले यह रिकॉर्ड विराट कोहली के नाम था जिन्होंने वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ 200 रन बनाए थे। इससे पहले इंग्लैंड में भारतीय कप्तान द्वारा खेली गई सबसे बड़ी पारी 179 रन थी, जो मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 1990 में मैनचेस्टर में खेली थी।

पुराने दिग्गजों के रिकॉर्ड्स तोड़े:
गिल की यह पारी कई मायनों में ऐतिहासिक रही। उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों की उस परंपरा को आगे बढ़ाया, जिसमें तकनीक और धैर्य के दम पर विदेशी परिस्थितियों में लंबी पारी खेली जाती है। राहुल द्रविड़ और सुनील गावस्कर जैसे दिग्गजों के रिकॉर्ड्स को पीछे छोड़ना आसान नहीं होता, लेकिन गिल ने यह कारनामा कर दिखाया।

विपक्षी गेंदबाज़ों को किया लाचार:
गिल ने इंग्लैंड के तेज़ और स्पिन गेंदबाजों दोनों के खिलाफ शानदार खेल दिखाया। चाहे वो जेम्स एंडरसन हों या जोश टंग, या फिर स्पिनर लियाम डॉसन — गिल ने हर किसी को अपने फुटवर्क, टाइमिंग और शॉट सेलेक्शन से मात दी।

भविष्य के सितारे की चमक:
शुभमन गिल की यह पारी उनके करियर का टर्निंग पॉइंट मानी जा सकती है। कप्तानी की जिम्मेदारी ने उनके खेल को और भी निखारा है। उनकी बल्लेबाजी में अब वो परिपक्वता आ चुकी है जो बड़े मैचों में टीम को आगे ले जाने के लिए जरूरी होती है।

शुभमन गिल की यह दोहरे शतक की पारी भारतीय टेस्ट इतिहास की सबसे शानदार पारियों में से एक बन गई है। उन्होंने न केवल भारत को मज़बूत स्थिति में पहुंचाया, बल्कि अपने नाम कई रिकॉर्ड्स भी दर्ज कर लिए। भारतीय क्रिकेट को अब एक ऐसा युवा कप्तान मिला है, जो न सिर्फ नेतृत्व कर सकता है, बल्कि बल्ले से भी मिसाल कायम कर सकता है।
यह पारी आने वाले समय में युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा बनेगी और भारतीय क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत का संकेत दे रही है।

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