“अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025: ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ के संकल्प के साथ भारत ने रचा नया कीर्तिमान”(International Yoga Day 2025 Yoga for One Earth, One Health ke sankalpa ke sath India mai racha naya kirtiman)
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025(International Yoga Day 2025): विश्व की सबसे बड़ी योग सभा में विशाखापट्टनम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व |
21 जून 2025 को देशभर में 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अत्यंत उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस वर्ष का योग दिवस भारत के लिए विशेष रहा, क्योंकि इसका राष्ट्रीय आयोजन आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम शहर में आयोजित किया गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं उपस्थित रहे। इस ऐतिहासिक आयोजन को न केवल देश, बल्कि पूरी दुनिया में सबसे बड़े योग आयोजनों में गिना जा रहा है, जिसमें कई गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की भी कोशिशें की गईं।
विशाखापट्टनम में भव्य आयोजन
शनिवार की सुबह लगभग 6 बजे से योग कार्यक्रम की शुरुआत हुई, जो रामकृष्ण बीच से लेकर भोगापुरम तक के 26 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में आयोजित किया गया। इस आयोजन में लगभग 5 लाख प्रतिभागियों ने एक साथ योग किया। राज्य सरकार ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी संसाधनों को झोंक दिया था। लगभग 3,000 बसों की व्यवस्था की गई थी ताकि प्रतिभागियों को कार्यक्रम स्थल तक लाया जा सके। 326 विशेष सेक्शन बनाए गए थे, जिनमें प्रत्येक में लगभग 1,000 प्रतिभागी मौजूद रहे।
सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम
प्रधानमंत्री की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए 10,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया। पूरे क्षेत्र में 1,200 सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से निगरानी की व्यवस्था की गई थी। एक आधुनिक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया, जो सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए विशेष रूप से बनाया गया था।
राज्य सरकार की व्यापक भागीदारी
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इसे केवल एक आयोजन न मानते हुए इसे राज्यव्यापी योग अभियान का हिस्सा बताया। उन्होंने योग को कक्षा 9 से स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करने और योग के लिए एक डीम्ड यूनिवर्सिटी स्थापित करने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने योग दिवस पर एक औपचारिक घोषणा पत्र लाने का भी प्रस्ताव दिया है, जिससे इसे दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाया जा सके।
पंजीकरण ने तोड़े रिकॉर्ड
इस आयोजन के लिए अब तक 2.39 करोड़ से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं, जो राज्य सरकार के 2 करोड़ के लक्ष्य को पार कर गया है। यह दर्शाता है कि योग को लेकर राज्य में किस हद तक जनभागीदारी और जागरूकता बनी है।
जनजातीय बच्चों का ऐतिहासिक प्रदर्शन
इस आयोजन की सबसे खास बात रही आंध्र विश्वविद्यालय परिसर में 25,000 जनजातीय छात्रों द्वारा एक साथ 108 मिनट तक लगातार सूर्य नमस्कार का प्रदर्शन। इसका उद्देश्य “विश्व का सबसे बड़ा सामूहिक सूर्य नमस्कार” का रिकॉर्ड बनाना है। यह प्रदर्शन योग की शक्ति और समर्पण का प्रतीक बना।
योग सामग्री का वितरण
राज्य सरकार ने 5 लाख योगा मैट और 3.32 लाख टी-शर्ट का वितरण किया। इसके अलावा पूरे राज्य में 1.3 लाख से अधिक योग स्थलों की पहचान की गई है, जिनमें विशाखापट्टनम में आकस्मिक परिस्थितियों के लिए 30,000 लोगों के बैकअप स्थान भी तैयार रखे गए।
योग आंदोलन – ‘योगांध्र’
योग दिवस के उपलक्ष्य में राज्यभर में एक महीने लंबा जनजागरूकता अभियान चलाया गया, जिसे ‘योगांध्र’ नाम दिया गया। इसके अंतर्गत गांव से लेकर राज्य स्तर तक 15,000 से अधिक योग प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।
अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता
भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में योग दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। जापान की राजधानी टोक्यो में जापान के प्रधानमंत्री की पत्नी ने योग कार्यक्रम में भाग लिया। अमेरिका के संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भी भव्य आयोजन हुआ, जिसमें भारत के स्थायी प्रतिनिधि और संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी उपस्थित रहे।
‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ थीम पर जोर
इस वर्ष की थीम “Yoga for One Earth, One Health” रखी गई है, जो व्यक्ति और पृथ्वी दोनों की सेहत के बीच के गहरे संबंध को दर्शाती है। यह भारत की प्राचीन अवधारणा “सर्वे सन्तु निरामयाः” को भी समर्पित है, जिसका अर्थ है – सब लोग निरोग रहें।
केंद्रीय आयोजन और मंत्रालय की भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी ने कॉमन योगा प्रोटोकॉल (CYP) के साथ 3 लाख से अधिक प्रतिभागियों के साथ योग किया, जो ‘योग संगम’ पहल का हिस्सा है। इसके अलावा देश के 1 लाख से अधिक स्थानों पर एक साथ योग किया गया, जिसमें कुल 2 करोड़ से अधिक लोगों के भाग लेने की उम्मीद है। आयुष मंत्रालय ने 10 सिग्नेचर इवेंट्स जैसे – योग बंधन, हरीत योगा और योग अनप्लग्ड की शुरुआत की है, जिनका उद्देश्य समाज के हर वर्ग को योग से जोड़ना है।
2025 का यह अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत, सॉफ्ट पावर और सामूहिक चेतना का एक अभूतपूर्व उदाहरण बन गया है। विशाखापट्टनम से प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में यह संदेश गया है कि योग भारत की आत्मा है, और अब यह न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया की जीवनशैली का हिस्सा बनता जा रहा है।
“योग करें, रोग हरें, स्वस्थ जीवन अपनाएं।”