Kannappa film review,Shiv Shakti aur Sanatan dharm par adharit ek advutt adhyatmik anubhav

कनप्पा फिल्म रिव्यू :शिव भक्ति और सनातन धर्म पर आधारित एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव (Kannappa film review,Shiv Shakti aur Sanatan dharm par adharit ek advutt adhyatmik anubhav)

विष्णु मंचु की बहुप्रतीक्षित पौराणिक फिल्म कनप्पा आखिरकार 27 जून 2025 को सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है। रिलीज से पहले ही यह फिल्म न केवल अपने कथानक और कलाकारों की वजह से, बल्कि अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा और शिव भक्ति के संदेश के कारण सुर्खियों में है।

फिल्म का सार और आध्यात्मिक पृष्ठभूमि
कनप्पा की कहानी उस शिव भक्त की गाथा है, जिसने अपने आराध्य भगवान शिव के लिए अपनी दोनों आंखें तक समर्पित कर दीं। यह गाथा पौराणिक है, लेकिन फिल्म इसे अत्यंत भावुक और भव्य तरीके से प्रस्तुत करती है।
फिल्म की नींव सनातन धर्म और शिव भक्ति पर आधारित है, जो इसे केवल एक सिनेमाई अनुभव नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा बना देती है। खासकर फिल्म का अंतिम आधा घंटा इतना प्रभावशाली है कि दर्शक सिहर उठते हैं और आंखें नम हो जाती हैं।

फिल्म की शुरुआती समीक्षाएं
फिल्म के चुनिंदा प्रेस स्क्रीनिंग आयोजित की गई, जहां इसे मीडिया और ट्रेड विश्लेषकों को दिखाया गया। अब तक की शुरुआती प्रतिक्रियाएं अत्यंत सकारात्मक रही हैं।

ट्रेड एनालिस्ट सुमित काडेल ने लिखा:
“मैं अभी तक फिल्म के अंतिम 30 मिनट को अपने दिमाग से नहीं निकाल पा रहा। आखिरी बार ऐसा असर मैंने ‘कांतारा’ के क्लाइमैक्स में महसूस किया था। खासकर शिव भक्तों के लिए यह अनुभव बेहद भावुक, रोंगटे खड़े कर देने वाला और आत्मा को झकझोर देने वाला है।”
क्लाइमैक्स की विशेष सराहना
फिल्म का क्लाइमैक्स विशेष रूप से चर्चा में है। हजारों वर्षों पुरानी भक्ति कथा को जिस तरह से प्रस्तुत किया गया है, वह न केवल धार्मिक रूप से भावनात्मक है बल्कि सिनेमाई दृष्टिकोण से भी अत्यंत शक्तिशाली है।

प्रोड्यूसर कोना वेंकट ने लिखा:
“मेरे पास भी यह सौभाग्य रहा कि मैंने कनप्पा देखी। विशेष रूप से फिल्म का अंतिम आधा घंटा अत्यंत मंत्रमुग्ध कर देने वाला है। प्रभास की उपस्थिति फिल्म में गहराई जोड़ती है और विष्णु मंचु का प्रदर्शन अंतिम 20 मिनटों में अद्भुत है। मोहन बाबू गरु की अदाकारी आने वाले वर्षों तक याद की जाएगी।”

फिल्म की खास बातें
1. शिव भक्ति और सनातन भाव – फिल्म की आत्मा शिव भक्ति में बसी है। यह उनके भक्तों को समर्पित है जो शिव लीलाओं में विश्वास रखते हैं और जो स्वयं को ‘गर्वित सनातनी’ मानते हैं।
2. भव्य सितारों की उपस्थिति –
o प्रभास एक शक्तिशाली रूप में ‘रूद्र’ के अवतार में दिखाई देते हैं।
o मोहलाल का अभिनय संजीदगी से भरा हुआ है।
o अक्षय कुमार भगवान शिव के रूप में आते हैं और उनकी छवि नेत्रविहीन भक्त के समर्पण के साथ अद्भुत तालमेल बैठाती है।
o विष्णु मंचु का अभिनय खासकर अंतिम भाग में दर्शकों के मन पर गहरा प्रभाव छोड़ता है।
3. दर्शकों की प्रतिक्रिया –
सोशल मीडिया पर लोग भावुक होकर फिल्म की प्रशंसा कर रहे हैं।

एक यूज़र ने लिखा:
“#Kannappa के अंतिम 40 मिनट अद्भुत हैं… मैंने इससे पहले ऐसा कुछ नहीं देखा। यह फिल्म शिव भक्तों के लिए बनी है, उनके लिए जो शिव लीला में विश्वास रखते हैं, और जो स्वयं को गर्वित सनातनी मानते हैं।”
तकनीकी पक्ष
फिल्म के पहले भाग में थोड़ी धीमी गति और वीएफएक्स की कुछ कमियां हैं, जिसकी वजह से शुरुआती समीक्षाओं में मिश्रित प्रतिक्रियाएं मिली हैं। हालांकि जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, फिल्म एक अलग ही आयाम में प्रवेश करती है।
दूसरे भाग में कथा का प्रवाह तेज होता है, अभिनय उच्च स्तर पर पहुंचता है और संगीत-भावना का संगम दर्शकों को एक आध्यात्मिक स्तर तक पहुंचाता है।

विवाद और चेतावनी
फिल्म के रिलीज से पहले कुछ फर्जी समीक्षाओं और अफवाहों पर आपत्ति जताते हुए निर्माताओं ने एक आधिकारिक बयान जारी किया है।
इसमें कहा गया है:
“फिल्म और इसके कलाकारों के खिलाफ किसी भी प्रकार का अपमानजनक, विकृत या झूठा प्रचार कानूनी रूप से चुनौती दी जाएगी।”
एक फिल्म नहीं, एक अनुभव
कनप्पा केवल एक पौराणिक कथा पर आधारित फिल्म नहीं है, बल्कि यह शिव भक्ति, त्याग, और आत्मा के जागरण की एक आध्यात्मिक यात्रा है। यह फिल्म खासकर उन दर्शकों के लिए है जो धर्म को भावनाओं से जोड़कर देखते हैं, और जो कला में भक्ति के रूप को तलाशते हैं।
हालांकि तकनीकी रूप से फिल्म में कुछ खामियां हैं, लेकिन क्लाइमैक्स इतना सशक्त है कि वह इन कमजोरियों को पीछे छोड़ देता है। शिव भक्तों के लिए यह फिल्म किसी दर्शन से कम नहीं।
“हर हर महादेव!”
अगर आप शिव के भक्त हैं या फिर पौराणिक कथाओं में रुचि रखते हैं, तो कनप्पा आपको एक ऐसा अनुभव देगा जो लंबे समय तक आपके मन में रहेगा।

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