
माघ पूर्णिमा(magh purnima 12 feb 2025) हिंदू पंचांग के अनुसार माघ महीने की पूर्णिमा तिथि को कहा जाता है। यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक और आध्यात्मिक दिन है, जिसे विशेष रूप से स्नान, दान और पूजा-पाठ के लिए शुभ माना जाता है।
माघ पूर्णिमा का महत्व–
1. धार्मिक मान्यता – माघ पूर्णिमा के दिन गंगा, यमुना, संगम (प्रयागराज) और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
2. गुरु रविदास जयंती – कई बार गुरु रविदास जी की जयंती भी इसी दिन आती है, जैसा कि 2025 में हो रहा है।
3. व्रत और दान – इस दिन व्रत रखने, गरीबों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करने का विशेष महत्व है।
4. पितरों का तर्पण – इस दिन पितरों (पूर्वजों) के लिए तर्पण और पिंडदान करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है।
5. सत्संग और भजन-कीर्तन – इस दिन मंदिरों और धार्मिक स्थानों पर भजन-कीर्तन और सत्संग का आयोजन किया जाता है।
2025 में माघ पूर्णिमा कब है?
2025 में माघ पूर्णिमा 12 फरवरी, बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन विशेष रूप से प्रयागराज के संगम तट पर माघ मेले का समापन होता है, जिसे “कल्पवास” कहा जाता है।
कैसे मनाई जाती है माघ पूर्णिमा?
• स्नान – गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी, और कावेरी जैसी पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है।
• पूजा-पाठ – भगवान विष्णु, शिव, सूर्य देव और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है।
• दान-पुण्य – ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र, दक्षिणा और जरूरतमंदों को भोजन कराना शुभ माना जाता है।
• सत्संग और कीर्तन – धार्मिक आयोजन किए जाते हैं, जिसमें भजन-कीर्तन और प्रवचन होते हैं।
निष्कर्ष
माघ पूर्णिमा एक अत्यंत शुभ दिन है, जो धार्मिक आस्था, पुण्य कर्म और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। इस दिन का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है, और इसे बड़े ही श्रद्धा भाव से मनाया जाता है।