मुकेश अंबानी ने गुरु दक्षिणा स्वरूप ICT को दिए 151 करोड़ रुपये, प्रोफेसर एम. एम. शर्मा को दी श्रद्धांजलि| (Mukesh Ambani donated ₹151 crore to ICT as Guru Dakshina, pays tribute to Professor M. M. Sharma.)
परिचय
देश के प्रमुख उद्योगपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक पहल करते हुए इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (ICT) को 151 करोड़ रुपये का दान दिया। यह राशि ICT के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी डोनेशन मानी जा रही है। यह घोषणा उस अवसर पर की गई जब ‘द डिवाइन साइंटिस्ट’ नामक पुस्तक का लोकार्पण किया गया, जो प्रोफेसर मन मोहन शर्मा की जीवनी है।
गुरु को समर्पित दक्षिणा
कार्यक्रम में बोलते हुए मुकेश अंबानी ने इस दान को एक सच्चे अर्थों में गुरु दक्षिणा बताया। उन्होंने कहा, “जब प्रोफेसर शर्मा कुछ कहते हैं, तो हम बस सुनते हैं। उन्होंने मुझसे कहा, ‘मुकेश, तुम्हें ICT के लिए कुछ बड़ा करना है।’ आज मुझे गर्व है कि मैं यह उनके लिए कर पा रहा हूँ।” अंबानी की यह भावनात्मक प्रतिक्रिया न केवल उनके शिक्षक के प्रति श्रद्धा को दर्शाती है, बल्कि भारतीय गुरु-शिष्य परंपरा की जीवंत मिसाल भी पेश करती है।
पुस्तक ‘द डिवाइन साइंटिस्ट’ का विमोचन
इस अवसर पर ‘द डिवाइन साइंटिस्ट’ नामक पुस्तक का भी विमोचन किया गया, जिसे लेखिका अनीता पाटिल ने लिखा है। यह पुस्तक प्रो. एम. एम. शर्मा के वैज्ञानिक योगदान और जीवन दर्शन को उजागर करती है। मुकेश अंबानी ने इसे “एक महान कार्य” बताया और कहा, “ऐसी विभूति के जीवन को संजोना और लेखबद्ध करना एक दैवी प्रयास जैसा है।”
ICT से जुड़ा अंबानी का व्यक्तिगत संबंध
मुकेश अंबानी ने इस मौके पर याद किया कि उन्होंने IIT बॉम्बे जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की जगह UDCT (अब ICT) को चुना था। उन्होंने कहा, “यह निर्णय मेरे लिए विश्वास का था, न कि प्रतिष्ठा का।” उन्होंने प्रोफेसर शर्मा की पहली क्लास को याद करते हुए कहा, “मुझे तुरंत अहसास हुआ कि वह धातुओं के नहीं, बल्कि मस्तिष्कों के रसायनज्ञ हैं। वह जिज्ञासा को ज्ञान में, ज्ञान को वाणिज्यिक मूल्य में, और इन दोनों को स्थायी बुद्धिमत्ता में बदलने की क्षमता रखते हैं।”
प्रो. एम. एम. शर्मा: एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व
प्रोफेसर मन मोहन शर्मा को भारत के रासायनिक अभियांत्रण क्षेत्र का पथप्रदर्शक माना जाता है। उन्होंने न केवल ICT को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई, बल्कि अनेक छात्रों के जीवन को भी आकार दिया। मुकेश अंबानी खुद उनके विद्यार्थियों में से एक हैं, और उनका यह योगदान इस रिश्ते को श्रद्धा के रूप में व्यक्त करता है।
भारत के विज्ञान एवं शिक्षा क्षेत्र के लिए बड़ी सौगात
151 करोड़ रुपये की यह राशि ICT के रिसर्च, इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्कॉलरशिप और वैश्विक भागीदारी को सशक्त बनाने में सहायक होगी। इससे भारत में उच्च शिक्षा और अनुसंधान को एक नई दिशा मिलेगी, खासकर केमिकल इंजीनियरिंग जैसे तकनीकी विषय में। यह पहल निजी क्षेत्र द्वारा उच्च शिक्षा में निवेश की एक आदर्श मिसाल है।
शिक्षा के क्षेत्र में मुकेश अंबानी का योगदान
यह पहला अवसर नहीं है जब मुकेश अंबानी ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया हो। रिलायंस फाउंडेशन के माध्यम से भी वे देशभर में शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। लेकिन ICT को दी गई यह राशि विशेष महत्व रखती है क्योंकि यह एक व्यक्तिगत संबंध और श्रद्धा से प्रेरित है।
गुरु-शिष्य परंपरा का आधुनिक उदाहरण
भारत की सांस्कृतिक परंपरा में गुरु दक्षिणा का विशेष स्थान रहा है। यह केवल एक प्रतीकात्मक अभ्यास नहीं बल्कि आभार की गहरी भावना होती है। मुकेश अंबानी की यह पहल दर्शाती है कि चाहे कोई कितना भी बड़ा उद्योगपति बन जाए, वह अपने गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना नहीं भूलता।
समापन विचार
151 करोड़ रुपये की यह ‘गुरु दक्षिणा’ न केवल ICT के भविष्य को नई ऊंचाइयां देगी, बल्कि यह भी सिखाएगी कि ज्ञान की नींव पर खड़े व्यक्ति के लिए अपने गुरु का सम्मान सबसे बड़ी उपलब्धि होती है। मुकेश अंबानी का यह कदम भारत के शैक्षणिक और औद्योगिक जगत के बीच एक मजबूत पुल का निर्माण करता है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।
संदेश
एक विद्यार्थी अपने गुरु के प्रति श्रद्धा कैसे प्रकट कर सकता है, इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण मुकेश अंबानी ने पेश किया है। यह केवल दान नहीं, बल्कि एक भावनात्मक संकल्प है – शिक्षा, अनुसंधान और राष्ट्र निर्माण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक।