“म्यांमार भूकंप 2025: विनाशकारी प्रभाव और आपातकालीन प्रतिक्रिया”
28 मार्च 2025 को, म्यांमार में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसने देश और पड़ोसी थाईलैंड में भारी तबाही मचाई। भूकंप का केंद्र सागाइंग शहर के उत्तर-पश्चिम में 10 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था।म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके बाद 6.4 तीव्रता का आफ्टरशॉक भी दर्ज किया गया। इसका केंद्र सगाइंग में था और इसका प्रभाव म्यांमार और थाईलैंड में महसूस किया गया। इस भूकंप के कारण थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक 30-मंजिला निर्माणाधीन इमारत धराशायी हो गई, जिससे 43 मजदूर मलबे में फंस गए। इस आपदा को देखते हुए बैंकॉक में आपातकालीन स्थिति घोषित कर दी गई है।

म्यांमार में प्रभाव:
म्यांमार में इस भूकंप के कारण कम से कम 20 लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोग घायल हुए। राजधानी नेपीडॉ के अस्पतालों में घायलों की संख्या बढ़ने से आपातकालीन विभागों पर भारी दबाव पड़ा। सैन्य जुंटा ने छह क्षेत्रों में आपातकाल की स्थिति घोषित की और अंतर्राष्ट्रीय सहायता की अपील की है। थाईलैंड स्टॉक एक्सचेंज ने भी इस भूकंप के प्रभाव को देखते हुए दोपहर के सत्र के लिए सभी व्यापारिक गतिविधियों को निलंबित कर दिया है। स्टॉक एक्सचेंज ऑफ थाईलैंड (SET), मार्केट फॉर अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट (MAI) और थाईलैंड फ्यूचर्स एक्सचेंज (TFEX) को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
म्यांमार में, राजधानी नेप्यीडॉ के नेशनल म्यूज़ियम में भूकंप के दौरान छत के हिस्से गिर गए, जिससे लोग घबराकर बाहर भागे। सड़कें टूट गईं और प्रमुख अस्पतालों तक पहुंचने के मार्गों पर भारी ट्रैफिक जाम लग गया।
थाईलैंड में प्रभाव:
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में, भूकंप के झटकों से एक 30-मंजिला निर्माणाधीन इमारत ढह गई, जिसमें कम से कम तीन मजदूरों की मौत हुई और 81 से अधिक लोग मलबे में फंसे हुए हैं। बचाव कार्य जारी है, और अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों में आपातकाल घोषित किया है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
भूकंप के बाद, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपने आपातकालीन प्रबंधन प्रणाली को सक्रिय किया और दुबई में अपने लॉजिस्टिक्स हब से चिकित्सा आपूर्ति जुटा रहा है। WHO की प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने कहा कि यह एक “बड़ी घटना” है और जीवन और स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
भूकंप का भूगर्भीय संदर्भ:
म्यांमार का सागाइंग फॉल्ट क्षेत्र, जहां यह भूकंप आया, हिमालय के पूर्वी छोर पर स्थित है। यह इलाका इंडियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट के पार्श्वीय टकराव के कारण भूकंपीय गतिविधियों के लिए संवेदनशील है।
भारत में प्रभाव:
भूकंप के झटके भारत के कोलकाता, इंफाल, मेघालय और ईस्ट कार्गो हिल सहित कई हिस्सों में महसूस किए गए। हालांकि, इन क्षेत्रों से किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं है।
बचाव और राहत कार्य:
म्यांमार और थाईलैंड दोनों देशों में बचाव दल मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। बचाव कार्यों में ड्रोन और खोजी कुत्तों का उपयोग किया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से सहायता की अपील की गई है, और कई देशों ने मदद की पेशकश की है।
नागरिकों की प्रतिक्रिया:
भूकंप के बाद, प्रभावित क्षेत्रों में लोग घबराकर घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। बैंकॉक में सड़कों पर सैकड़ों लोग देखे गए, और कई इमारतों में दरारें आ गईं।
भविष्य की चुनौतियाँ:
भूकंप के बाद के झटकों (आफ्टरशॉक्स) की संभावना बनी हुई है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में और नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना और घायलों को समय पर चिकित्सा सहायता प्रदान करना बड़ी चुनौतियाँ हैं।
म्यांमार और थाईलैंड में आए इस विनाशकारी भूकंप ने दोनों देशों में भारी जान-माल की हानि पहुंचाई है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मिली सहायता और स्थानीय बचाव दलों के प्रयासों के बावजूद, स्थिति गंभीर बनी हुई है। आने वाले दिनों में राहत और पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने की आवश्यकता होगी ताकि प्रभावित लोगों को आवश्यक सहायता मिल सके।