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Neet PG 2025 do shifto mai hogi pariksha

NEET-PG 2025: दो शिफ्टों में होगी परीक्षा, छात्रों और अभिभावकों में चिंता

नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन्स इन मेडिकल साइंसेज (NBEMS) ने NEET-PG 2025 की परीक्षा तिथि की घोषणा कर दी है। इस साल NEET-PG परीक्षा 15 जून 2025 को आयोजित की जाएगी। हालांकि, पिछले वर्षों के विपरीत, इस बार परीक्षा दो शिफ्टों में आयोजित की जाएगी। इस निर्णय ने छात्रों और अभिभावकों के बीच चिंता पैदा कर दी है, क्योंकि उन्हें आशंका है कि दोनों शिफ्टों में परीक्षा के प्रश्नपत्रों के स्तर में अंतर हो सकता है।

NEET-PG 2025: परीक्षा की तिथि और नया फॉर्मेट
NEET-PG (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट फॉर पोस्ट ग्रेजुएट) भारत में मेडिकल स्नातकों के लिए सबसे महत्वपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। यह परीक्षा उन छात्रों के लिए आयोजित की जाती है जो पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेज में प्रवेश लेना चाहते हैं। इस साल NBEMS ने परीक्षा को दो शिफ्टों में आयोजित करने का निर्णय लिया है, जो पिछले वर्षों से अलग है। इस निर्णय के पीछे का कारण परीक्षा केंद्रों पर भीड़ कम करना और कोविड-19 जैसी स्थितियों से निपटना हो सकता है।

अभिभावकों और छात्रों की चिंताएं
अभिभावकों और छात्रों ने इस निर्णय पर गंभीर चिंता जताई है। उनका मानना है कि दो शिफ्टों में परीक्षा आयोजित करने से प्रश्नपत्रों के स्तर में अंतर हो सकता है, जिससे कुछ छात्रों को नुकसान हो सकता है। अभिभावक प्रतिनिधि बृजेश सुतारिया ने कहा, “मैं अधिकारियों से इस दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करने का आग्रह करता हूं। एक ही शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने से सभी छात्रों के लिए प्रश्नपत्र का स्तर समान रहेगा। बहु-शिफ्ट परीक्षाओं में सामान्यीकरण प्रक्रिया अक्सर विसंगतियों का कारण बनती है, जिससे छात्रों में असंतोष पैदा होता है।”

NEET-PG 2024 की समस्याएं
NEET-PG 2024 चक्र विलंब और कानूनी चुनौतियों से जूझ रहा था, जिसने स्नातकों की चिंता को और बढ़ा दिया था। परीक्षा में देरी और अन्य मुद्दों के कारण छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बृजेश सुतारिया ने कहा, “इसकी पुनरावृत्ति को रोकने के लिए, NBEMS को 2025 की परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता को प्राथमिकता देनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो छात्र निश्चित रूप से दो शिफ्टों के मुद्दे पर अदालत जाएंगे।”

दो शिफ्टों के प्रभाव
दो शिफ्टों में परीक्षा आयोजित करने के कई प्रभाव हो सकते हैं:

प्रश्नपत्र के स्तर में अंतर: दोनों शिफ्टों में प्रश्नपत्रों के स्तर में अंतर हो सकता है, जिससे कुछ छात्रों को लाभ और कुछ को नुकसान हो सकता है।

सामान्यीकरण प्रक्रिया: बहु-शिफ्ट परीक्षाओं में सामान्यीकरण प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है, लेकिन यह प्रक्रिया अक्सर विवादों का कारण बनती है।

छात्रों का मनोबल: दो शिफ्टों में परीक्षा आयोजित करने से छात्रों के मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि उन्हें लग सकता है कि उनके साथ अन्याय हो रहा है।

NBEMS को सुझाव
छात्रों और अभिभावकों ने NBEMS को कुछ सुझाव दिए हैं:

एक ही शिफ्ट में परीक्षा: परीक्षा को एक ही शिफ्ट में आयोजित करने से प्रश्नपत्र का स्तर समान रहेगा और छात्रों में विश्वास बना रहेगा।

पारदर्शिता: परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने से छात्रों का विश्वास बढ़ेगा और विवादों से बचा जा सकेगा।

सामान्यीकरण प्रक्रिया में सुधार: यदि दो शिफ्टों में परीक्षा आयोजित की जाती है, तो सामान्यीकरण प्रक्रिया को और अधिक निष्पक्ष और सटीक बनाने की आवश्यकता है।

NEET-PG 2025 की परीक्षा दो शिफ्टों में आयोजित करने का निर्णय छात्रों और अभिभावकों के लिए चिंता का विषय बन गया है। इस निर्णय के कारण प्रश्नपत्र के स्तर में अंतर और सामान्यीकरण प्रक्रिया में विसंगतियों की आशंका है। NBEMS को छात्रों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए और परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो छात्रों द्वारा इस मुद्दे को अदालत में ले जाने की संभावना है। NEET-PG जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।

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