Raja Raghuvanshi Murder Case: A Complete Story of Love, Conspiracy, and Suspicion

“राजा रघुवंशी हत्याकांड: प्यार, साजिश और शक की पूरी कहानी”(Raja Raghuvanshi Murder Case: A Complete Story of Love, Conspiracy, and Suspicion)

राजा रघुवंशी हत्याकांड: हनीमून से हत्या तक की पूरी कहानी
यह कहानी है एक नवविवाहित जोड़े की, जिनकी शादी तो बड़े धूमधाम से हुई थी, लेकिन उसका अंत हुआ एक दर्दनाक हत्या से। मेघालय के खूबसूरत चेरापूंजी में हनीमून पर गए मध्य प्रदेश के इंदौर निवासी राजा रघुवंशी और उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी के जीवन में ऐसा तूफान आया जिसने पूरे देश को हैरान कर दिया। जहां एक तरफ मेघालय पुलिस इसे एक साजिशन हत्या बता रही है, वहीं सोनम का परिवार इन आरोपों को पूरी तरह से नकारते हुए इसे एक “राजनीतिक झूठ” करार दे रहा है।

शादी से हनीमून तक
राजा रघुवंशी और सोनम की शादी 11 मई 2025 को मध्य प्रदेश के इंदौर में धूमधाम से हुई थी। शादी के बाद, 20 मई को यह नवविवाहित जोड़ा हनीमून पर मेघालय के चेरापूंजी के लिए रवाना हुआ। 22 मई की रात दोनों एक स्थानीय होमस्टे में रुके थे। लेकिन 23 मई की सुबह के बाद से दोनों लापता हो गए। इस अचानक गायब होने की खबर से दोनों परिवारों में बेचैनी फैल गई।

लापता से लाश तक
लगभग 10 दिनों तक चले तलाशी अभियान के बाद 2 जून को मेघालय पुलिस को राजा रघुवंशी का शव सोहरा (चेरापूंजी) के वैइ सॉडोंग फॉल्स के नीचे एक गहरे गॉर्ज में मिला। शव की हालत सड़ी-गली थी और गले पर चोट के निशान थे। शव से राजा के पहने हुए कीमती गहने—सोने की चेन, अंगूठी और चांदी का कड़ा—गायब थे। पुलिस को शुरू से ही मामला संदिग्ध लगा, इसलिए जांच को आगे बढ़ाया गया।

पुलिस का दावा: सुनियोजित हत्या
मेघालय पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल गठित किया। 7 जून तक की जांच में उन्होंने दावा किया कि यह एक “प्री-प्लांड मर्डर” था। पुलिस ने सोनम रघुवंशी को मुख्य आरोपी बताते हुए कहा कि उसने अपने पति की हत्या की साजिश रची और तीन लोगों को मध्य प्रदेश से बुलाकर हत्या करवाई।
इन तीन आरोपियों के नाम हैं—विशाल सिंह चौहान (22 वर्ष), अकाश राजपूत (19 वर्ष) और राज सिंह कुशवाहा (21 वर्ष)। इन तीनों को पुलिस ने इंदौर और ललितपुर (उत्तर प्रदेश) से गिरफ्तार किया। खास बात यह है कि राज सिंह कुशवाहा, सोनम की पूर्व कंपनी का कर्मचारी था और पुलिस के अनुसार, दोनों के बीच अफेयर चल रहा था। पुलिस का दावा है कि सोनम ने उसी प्रेम संबंध के चलते पति की हत्या करवाई।

सोनम का सरेंडर या गिरफ्तारी?
इस कहानी में सबसे बड़ा ट्विस्ट तब आया जब सोनम गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) के एक ढाबे से मिलीं। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने खुद अपने भाई और पिता को कॉल किया और पुलिस को बुलाया। इसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया। मेघालय पुलिस ने इस घटना को “गिरफ्तारी” बताया, लेकिन सोनम के परिवार ने कहा कि यह सरेंडर था, जो उसने स्वेच्छा से किया।

सोनम का परिवार: बेटी निर्दोष है
सोनम के पिता, देवी सिंह, ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मेरी बेटी मासूम है। वह एक शिक्षित और समझदार लड़की है। वह हत्या जैसी घिनौनी साजिश नहीं कर सकती। मेघालय पुलिस झूठ बोल रही है।” उन्होंने दावा किया कि सोनम लगातार अपने भाई से संपर्क में थी और डर के कारण अकेले किसी को कुछ नहीं बता पाई। देवी सिंह ने CBI जांच की मांग की है, ताकि सच्चाई सामने आ सके। उनका कहना है कि मेघालय सरकार और पुलिस ने एकतरफा कहानी गढ़ दी है।

राजा का परिवार: सच्चाई सामने आए
राजा रघुवंशी के परिवार की ओर से उसके भाई विपुल रघुवंशी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, “हमें अभी तक इस बात का यकीन नहीं हो रहा कि सोनम ने ऐसा कुछ किया होगा। लेकिन जब तक जांच पूरी नहीं होती, हम किसी नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहते। हमें बस सच्चाई चाहिए।” राजा की मां ने कहा कि अगर सोनम दोषी है तो उसे सजा जरूर मिलनी चाहिए, लेकिन पहले निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

सबूत और जांच का ताना-बाना
पुलिस का कहना है कि उनके पास सोनम के खिलाफ मजबूत सबूत हैं—जैसे कि उसकी मोबाइल लोकेशन, आरोपियों से बातचीत के रिकॉर्ड, घटनास्थल पर मौजूद गाइडों के बयान, और एक सीसीटीवी फुटेज, जिसमें सोनम फॉल्स की दिशा में जाते हुए दिख रही है जबकि राजा पीछे था।
पुलिस का यह भी कहना है कि घटना के कुछ समय बाद ही सोनम का फोन बंद हो गया था और उसके बाद उसने अपने नाम से टिकट भी नहीं लिया। इस सब के आधार पर उन्होंने उसे साजिशकर्ता बताया है।

विरोधाभासी बयान और सोशल मीडिया पर बहस
इस मामले ने सोशल मीडिया पर भी हलचल मचा दी है। कुछ लोग सोनम को दोषी बता रहे हैं तो कुछ उसके पक्ष में खड़े हैं। ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर “Justice for Raja” और “Truth for Sonam” जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।

निष्कर्ष: अभी भी अधूरी सच्चाई
सोनम रघुवंशी की गिरफ्तारी या सरेंडर, मेघालय पुलिस के दावे और परिवारों के विरोधाभासी बयान इस पूरे मामले को रहस्य बना देते हैं। राजा रघुवंशी की हत्या के पीछे क्या सचमुच कोई प्रेम-त्रिकोण था? क्या सोनम ने अपने पति की जान सिर्फ प्रेमी के लिए ले ली? या फिर यह पूरा मामला पुलिस की जल्दबाजी और सोशल मीडिया के दबाव में बना हुआ भ्रम है?
सच्चाई क्या है, इसका पता सिर्फ निष्पक्ष और गहन जांच से ही चल सकता है। जब तक सभी सबूत सार्वजनिक नहीं होते और अदालत में सत्य को प्रमाणित नहीं किया जाता, तब तक इस केस में सिर्फ सवाल ही सवाल हैं—जवाब नहीं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top