Ramadan 2025 pabitra mahina hua suru

(Ramadan 2025 pabitra mahina hua suru) रमज़ान 2025 भारत में आधिकारिक रूप से शुरू:

रमज़ान का पवित्र महीना 30 दिनों तक सूर्योदय से सूर्यास्त तक उपवास रखने और रात में विशेष नमाज़ अदा करने का समय होता है। यह महीना 30 दिनों तक उपवास करने के बाद ईद-उल-फित्र के साथ समाप्त होता है। शनिवार को चांदनी चौक की फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मौलाना मुफ्ती मुकर्रम अहमद सहित देश की विभिन्न धार्मिक संस्थाओं ने घोषणा की कि रमज़ान का पवित्र महीना 2 मार्च 2025 से शुरू होगा।

इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, चाँद दिखने से महीने की शुरुआत और समापन तय होता है, जो आमतौर पर 30 दिनों का होता है। शाही इमाम ने बताया कि चूँकि शनिवार को पिछले 30 दिनों की अवधि समाप्त हो रही थी और खराब मौसम के कारण एक दिन पहले चाँद दिखाई नहीं दिया था, इसलिए रविवार से रोज़ों की शुरुआत होगी।

मुफ्ती मुकर्रम ने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि वे “देश के 140 करोड़ लोगों की भलाई के लिए अधिक से अधिक दुआ करें।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जहां-ए-खुसरौ के 25वें संस्करण में भाग लिया और रमज़ान के लिए लोगों को अग्रिम शुभकामनाएं दीं। उन्होंने भारत में सूफी परंपरा की प्रशंसा करते हुए इसे बहुलतावादी संदेश का वाहक बताया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आधिकारिक बयान जारी कर इस पवित्र इस्लामिक महीने के लिए शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि “रमज़ान के पवित्र दिनों में रोज़ा रखना, मानवता की सेवा करना और ईश्वर की आराधना जैसे शुभ कार्य धैर्य, आत्म-अनुशासन, सहिष्णुता और सादगी जैसे मूल्यों को बढ़ावा देते हैं। इससे आपसी प्रेम और भाईचारे की भावना मजबूत होती है।”
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी लोगों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा, “रमज़ान मुबारक! यह पवित्र महीना आपके जीवन को खुशियों से भर दे और आपके दिल में शांति लाए।”

रमज़ान का महत्व और इसका पालन

रमज़ान इस्लाम धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह केवल उपवास का महीना नहीं, बल्कि आत्मसंयम, परोपकार और आध्यात्मिक उन्नति का समय भी होता है। इस महीने में मुसलमान सूर्योदय से पहले सहरी करते हैं और सूर्यास्त के बाद इफ्तार के साथ उपवास तोड़ते हैं।

रमज़ान में तरावीह की नमाज़ का भी विशेष महत्व होता है, जो रात में अदा की जाती है। इस दौरान कुरान पाठ भी किया जाता है। इस्लाम में ऐसा माना जाता है कि रमज़ान के महीने में की गई इबादत का कई गुना अधिक सवाब मिलता है।

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