WTC Final 2025 South Africa ne Australia ko 5 wicket se haraya ,27 saal bad South Africa bana Test Champion

WTC Final 2025,दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराया,27 साल बाद दक्षिण अफ्रीका बना टेस्ट चैंपियन (WTC Final 2025 South Africa ne Australia ko 5 wicket se haraya ,27 saal bad South Africa bana Test Champion)

 

दक्षिण अफ्रीका बनाम ऑस्ट्रेलिया, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025 फाइनल: 27 साल बाद ऐतिहासिक जीत, लॉर्ड्स में गूंजा ‘चैंपियन साउथ अफ्रीका’ का नारा |
11 जून 2025, शनिवार – लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड, लंदन: दक्षिण अफ्रीका ने 27 साल के लंबे इंतजार को खत्म करते हुए इतिहास रच दिया है। उन्होंने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) 2025 फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर अपनी पहली WTC ट्रॉफी और 1998 के बाद अपनी पहली आईसीसी खिताबी जीत दर्ज की। इस यादगार दिन को अंजाम तक पहुंचाया एडन मार्करम की ऐतिहासिक शतकीय पारी ने, जिन्होंने 136 रनों की शानदार पारी खेलकर दक्षिण अफ्रीका की जीत की नींव रखी।

ऑस्ट्रेलिया का संघर्ष और दक्षिण अफ्रीका की वापसी
पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 212 रन बनाए थे। जवाब में दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी 138 रन पर सिमट गई और ऑस्ट्रेलिया को 74 रनों की बढ़त मिली। दूसरी पारी में जब ऑस्ट्रेलिया को अपनी पकड़ मजबूत करनी थी, वे पूरी तरह बिखर गए। दूसरे दिन की शाम तक ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 73/7 हो चुका था। निचले क्रम ने कुछ रन जोड़े, जिससे टीम 207 तक पहुंची और दक्षिण अफ्रीका को 282 रनों का टारगेट मिला – जोकि फाइनल के हिसाब से एक बड़ा लक्ष्य था।

Aiden Markram का शतक – इतिहास में दर्ज हुई एक पारी
दक्षिण अफ्रीका के लिए यह रन चेज़ आसान नहीं था, लेकिन एडन मार्करम के आत्मविश्वास से भरे शतक ने यह साफ कर दिया था कि इस बार हार की कहानी नहीं लिखी जाएगी। उन्होंने 136 रनों की मैच विनिंग पारी खेली, जिसमें उन्होंने 16 चौके और 1 छक्का लगाया। यह पारी न केवल उनके करियर की सबसे अहम पारी थी, बल्कि दक्षिण अफ्रीका के टेस्ट इतिहास में भी अब तक की सबसे महत्वपूर्ण पारियों में से एक बन गई है।

कप्तान टेम्बा बवुमा की जुझारू बल्लेबाज़ी
दक्षिण अफ्रीकी कप्तान टेम्बा बवुमा ने भी शानदार लीडरशिप दिखाई। वे चोट से जूझ रहे थे लेकिन फिर भी मैदान पर उतरे और मैच में कुल 102 रन (दोनों पारियों को मिलाकर) बनाए। उनका साहस और टीम के प्रति समर्पण दर्शकों को भावुक कर गया। उन्होंने यह दिखा दिया कि एक सच्चा कप्तान कैसे टीम को मुश्किल हालात से निकालता है।

कगिसो रबाडा – गेंद से चमके
अगर गेंदबाज़ी की बात करें, तो कगिसो रबाडा ने इस फाइनल को अपनी गेंदों से नियंत्रित किया। उन्होंने मैच में कुल 9 विकेट झटके – पहली पारी में 5 और दूसरी पारी में 4 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया को घुटनों पर ला दिया। रबाडा की गेंदबाज़ी ने यह साबित किया कि क्यों उन्हें दुनिया का सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज़ माना जाता है।

अंतिम क्षणों का रोमांच
शनिवार को दोपहर 12:45 बजे, जब काइल वेर्रेनी ने कवर के रास्ते आखिरी चौका मारा, तो लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर जश्न का सैलाब उमड़ पड़ा। मैदान पर खिलाड़ियों की गले मिलती तस्वीरें, स्टैंड्स में झूमते समर्थक, और टीवी स्क्रीन पर उभरती चमकती आंखें – यह सब दर्शा रहा था कि यह सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि एक युगांतकारी पल था।

ऑस्ट्रेलिया की टीम ने हार के बाद भी खेलभावना दिखाई और सभी खिलाड़ियों ने दक्षिण अफ्रीका को गर्मजोशी से बधाई दी। मिचेल स्टार्क की अंतिम ओवर की गेंदों में थोड़ा रोमांच जरूर था, लेकिन जैसे ही वेर्रेनी ने चौका जड़ा, सारी आशंकाएं समाप्त हो गईं।

अब तक की सबसे बड़ी जीत
इस जीत के साथ दक्षिण अफ्रीका ने आखिरकार 1992 के सिडनी, 1999 के एजबेस्टन, 2003 के डरबन, 2007 के सेंट लूसिया, 2015 के ऑकलैंड और 2024 के ब्रिजटाउन जैसे दर्दनाक पलों को पीछे छोड़ दिया। अब उनके पास गर्व करने के लिए एक ताज है – वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप ट्रॉफी।
इस जीत का महत्व सिर्फ दक्षिण अफ्रीका के लिए नहीं बल्कि टेस्ट क्रिकेट के पूरे परिदृश्य के लिए है। बिग थ्री (भारत, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया) के बाहर की एक टीम द्वारा खिताब जीतना टेस्ट क्रिकेट की सेहत के लिए एक शुभ संकेत है।

पूरा स्कोरकार्ड – ICC WTC Final 2025
ऑस्ट्रेलिया:
1st पारी – 212
2nd पारी – 207
दक्षिण अफ्रीका:
1st पारी – 138
2nd पारी (लक्ष्य: 282) – 282/5
दक्षिण अफ्रीका 5 विकेट से जीता

नायक:
एडन मार्करम – 136 रनों की ऐतिहासिक पारी
• कगिसो रबाडा – 9 विकेट
• टेम्बा बवुमा – कप्तानी पारी और जज्बा
• काइल वेर्रेनी – विनिंग शॉट और संयम

27 साल की सूखी पिच पर आखिरकार जीत की बारिश हुई है। दक्षिण अफ्रीका ने वो कर दिखाया जो वो सालों से करने की कोशिश कर रहे थे – एक आईसीसी खिताब जीतना। और यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि उन तमाम सालों के संघर्ष, आलोचनाओं और असफलताओं का जवाब है।
“अब कोई नहीं कहेगा कि साउथ अफ्रीका दबाव में टूट जाती है। अब उन्हें चैंपियन कहा जाएगा – और सही मायनों में!”

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