
13 फरवरी – किस डे (Kiss Day) ❤️
वैलेंटाइन वीक में 13 फरवरी को किस डे (Kiss Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन प्रेम और गहरे रिश्तों को दर्शाने का एक खास अवसर होता है। एक किस न सिर्फ प्यार और स्नेह का प्रतीक होती है, बल्कि यह भावनाओं को व्यक्त करने का एक खूबसूरत तरीका भी है।
किस डे पर प्रेमी जोड़े एक-दूसरे के प्रति अपने प्यार को जताते हैं और अपने रिश्ते को और मजबूत बनाने की कोशिश करते हैं। यह सिर्फ रोमांटिक रिश्तों के लिए ही नहीं, बल्कि करीबी रिश्तों में भी स्नेह और अपनापन बढ़ाने का जरिया हो सकता है।
वैलेंटाइन वीक (7 से 14 फरवरी) का पूरा शेड्यूल:
🌹 7 फरवरी – रोज़ डे (Rose Day)
💍 8 फरवरी – प्रपोज़ डे (Propose Day)
🍫 9 फरवरी – चॉकलेट डे (Chocolate Day)
🧸 10 फरवरी – टेडी डे (Teddy Day)
🤝 11 फरवरी – प्रॉमिस डे (Promise Day)
🤗 12 फरवरी – हग डे (Hug Day)
😘 13 फरवरी – किस डे (Kiss Day)
❤️ 14 फरवरी – वैलेंटाइन डे (Valentine’s Day)
किस डे प्यार, अपनापन और गहरे रिश्तों को दर्शाने का एक खास दिन है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि छोटी-छोटी चीज़ों से भी रिश्तों में प्यार और गर्माहट बनी रहती है। 💕
किस डे का इतिहास (History of Kiss Day)
किस डे (Kiss Day) हर साल 13 फरवरी को मनाया जाता है और यह वैलेंटाइन वीक का सातवां दिन होता है। यह दिन प्रेम और भावनाओं को व्यक्त करने का एक खास अवसर माना जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि किस डे की शुरुआत कब और कैसे हुई? आइए इसके इतिहास पर नज़र डालते हैं।
प्राचीन काल में किस का महत्व
👉 ग्रीक और रोमन सभ्यता:
प्राचीन यूनान (ग्रीस) और रोम में किस को प्रेम और सम्मान का प्रतीक माना जाता था। रोमन सभ्यता में तीन प्रकार के चुंबनों का उल्लेख मिलता है:
Osculum – दोस्ती और शुभकामनाओं के लिए
Basium – रोमांटिक प्रेम के लिए
Savium – गहरे प्रेम और जुनून के लिए
मध्ययुग में किस की परंपरा
👉 यूरोप में प्रचलन:
मध्ययुग में यूरोप में किस करने को प्यार और निष्ठा की निशानी माना जाता था। यूरोप में “किसिंग ट्रेडिशन” इतनी लोकप्रिय थी कि लोग एक-दूसरे से मिलते समय हाथ मिलाने के बजाय गाल या माथे पर किस करते थे।
👉 राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव:
राजनीतिक संधियों में भी किस को संधि की मुहर लगाने के लिए उपयोग किया जाता था। इंग्लैंड और फ्रांस में यह प्रथा थी कि अगर दो परिवारों के बीच समझौता होता, तो वे दोस्ती और शांति के प्रतीक के रूप में एक-दूसरे को किस करते थे।
आधुनिक युग में किस डे की शुरुआत
👉 20वीं सदी में बदलाव:
19वीं और 20वीं सदी में चुंबन को लेकर समाज में अधिक खुलापन आया।
पश्चिमी देशों में यह प्रेम का सार्वजनिक इज़हार करने का सामान्य तरीका बन गया।
फिल्मों और मीडिया ने किसिंग सीन को लोकप्रिय बनाया, जिससे यह आधुनिक प्रेम संबंधों का अहम हिस्सा बन गया।
👉 वैलेंटाइन वीक में शामिल होना:
किस डे की शुरुआत पश्चिमी देशों में हुई और धीरे-धीरे पूरी दुनिया में इसका प्रचलन बढ़ा।
माना जाता है कि यह दिन 1990 के दशक में यूरोप और अमेरिका में मनाया जाने लगा और फिर भारत सहित अन्य देशों में भी प्रसिद्ध हो गया।
21वीं सदी में यह दिन वैलेंटाइन वीक का अहम हिस्सा बन गया।
आज के दौर में किस डे का महत्व
आज किस डे सिर्फ प्रेमी जोड़ों के लिए ही नहीं, बल्कि प्यार और अपनापन जताने के लिए भी मनाया जाता है। यह प्यार, स्नेह और भावनाओं को व्यक्त करने का एक सुंदर तरीका बन चुका है।
👉 संस्कृति और समाज पर प्रभाव:
कुछ देशों में सार्वजनिक स्थानों पर किस करना अब भी वर्जित है, जबकि पश्चिमी देशों में इसे सामान्य रूप से स्वीकार किया जाता है।
कई देशों में “इंटरनेशनल किस डे” भी 6 जुलाई को मनाया जाता है।
वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि किस करने से स्ट्रेस कम होता है और रिश्तों में मजबूती आती है।
निष्कर्ष
किस डे का इतिहास सदियों पुराना है और यह सिर्फ एक रोमांटिक इशारा नहीं, बल्कि प्यार और अपनापन जताने का एक सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और भावनात्मक प्रतीक भी है। 💕